जालौन। ऐतिहासिक मुरलीमनोहर तालाब स्थित श्रीगोवर्धन गोशाला में गोपाष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर गोसेवकों द्वारा सामूहिक रूप से गाय व बछड़ों की पूजा-अर्चना की गई। इसके अलावा कार्यक्रम में गाय के सामाजिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक लाभ के बारे में भी लोगों को बताया गया। कार्यक्रम के अंत में समिति द्वारा गो सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
गोपाष्टमी के महापर्व पर सुरभि संदेश, गोरक्षा अभियान व हिंदू युवा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में नगर के ऐतिहासिक मुरली मनोहर तालाब स्थित श्रीगोवर्धन गोशाला में उत्साहपूर्वक गोपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके उपरांत गो-गोपाल दर्शन व गो-ग्रास वितरण भी हुआ।
पं. पीयूष महंत की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह सेंगर बनाजी, साधु अंबिकानंद सरस्वती, पालिकाध्यक्ष गिरीश गुप्ता, भाजपा नगर अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह राजावत, महिलाम मोर्चा नगर अध्यक्ष निशा माहेश्वरी, सतेंद्र खत्री, रामराजा निरंजन, एसडीएम गुलाब सिंह, कोतवाल रमेशचंद्र मिश्र आदि के साथ गोसेवकों व उपस्थित महिलाओं द्वारा वैदिक रीति से गाय व बछड़ों की सामूहिक पूजा-अर्चना की गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सदर विधायक ने गोपालन की महत्वता के बारे में लोगों को परिचित कराया।
स्वामी विवेकानंद इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य मोहनचंद्र ने लोगों में गोसेवा का भाव जागृत करते हुए घरों से गो ग्रास निकालने की अपील की।
एसडीएम गुलाब सिंह ने पशु पालकों से अपने पशुओं को अन्ना न छोड़े जाने की अपील की।
साधु अंबिकानंद सरस्वती ने गाय के धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी दी।
गो संपदा संरक्षण शोध संस्थान के संस्थापक अनिल शिवहरे ने गाय के सामाजिक, आध्यात्मिक एवं आर्थिक लाभ के बारे में बताते हुए आज के समय में गो-पालन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि यदि हमारे अंदर से गो-सेवा का भाव चला गया, तो मानव जीवन का विनाश सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि गो-हत्या किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। गौसेवा से इहलोक ही नहीं, बल्कि परलोक में भी मनुष्य को सद्गति प्राप्त होती है।
जावेद अख्तर ने गोपाष्टमी पर्व की महत्वता एवं सभी प्रमुख धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए बताया कि किसी भी धर्म में गो-हत्या का वर्णन नहीं है, बल्कि लगभग सभी धर्मग्रंथों में गाय को चैपायों का सरदार एवं उससे प्राप्त होने वाले दुग्ध, दही व घी को अमृत समान बताया। इस कार्यक्रम में सम्मलित होने के लिए काफी संख्या में गौपालक अपने-अपने गाय-बछड़ों को सजाकर लाये।
अंत में गो सेवा के कार्य में उत्कृष्ट योगदान करने वाले राजा भैया खर्रा, गोपालजी, जावेद अख्तर आदि को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन अनिल शिवहरे ने किया। इस मौके पर गौरक्षा अभियान के जिलाध्यक्ष राजासिंह सेंगर, मनोज गुप्त, जावेद अख्तर, लालन ताम्रकार, गोपालजी पुरवार, अनूप दीक्षित, पुष्पेंद्र सिंह यादव, रामजी ताम्रकार, आकाश लाक्षाकार, चेतन गुर्जर, बलराम सोनी, पवन याज्ञिक, रामजी पाल, निशांत गुप्ता, प्रयांश सोनी, अखिलेश सोनी, निशा माहेश्वरी, रत्ना शिवहरे, नीतू गुप्ता, सुनीता ताम्रकार आदि गोसेवक व गोपालक उपस्थित रहे।