जालौन। प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच वर्ष तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी। इस प्रस्ताव पर नगर के युवाओं ने मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं।
मोहल्ला चुर्खीबाल निवासी साक्षी त्रिपाठी कहती हैं कि सरकार के इस प्रस्ताव से युवाओं के सपने टूटे हैं। वह कड़ी मेहनत कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। कड़ी चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद उनसे पांच साल संविदा पर काम करवाना उनके हितों की अनदेखी करना ही है। अब अफसरों की मर्जी पर निर्भर होगा कि आप सरकारी सेवा कर सकते हैं अथवा नहीं।
मोहल्ला गणेशजी निवासी मुस्कान खन्ना कहती हैं कि सरकार द्वारा समूह ‘ख’ व ‘ग’ में भर्ती प्रकिया में बदलाव से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी। इससे उन्हें काम करने का तरीका सीखने को मिलेगा साथ ही उनके काम का फीडबैक भी मिलेगा। यदि अच्छा कार्य करेंगे तो अच्छे अंक प्राप्त कर नौकरी पक्की है। इससे उन्हें ही नुकसान होगा जो सोचते थे कि एक बार नौकरी मिल भर जाए फिर काम करो या न करो उनका वेतन तो पक्का है।
मोहल्ला मुरली मनोहर निवासी सुहेल अख्तर कहते हैं कि सरकार संविदा पर नियुक्ति करने के बाद उनका छमाही मूल्यांकन करेगी। ऐसे में उन पर अफसरों का दबाव बढ़ेगा साथ ही इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार भी बढ़ सकता है। अफसर मूल्यांकन में अंकों के प्रतिशत को लेकर कर्मियों पर दबाव बना सकते हैं। सरकार अपना खजाना बचाने के लिए ऐसा कर रही है। सरकार को इस प्रस्ताव की एक बार फिर से समीक्षा करनी चाहिए।
मोहल्ला खंडेराव निवासी मनीष स्वर्णकार कहते हैं कि इस प्रक्रिया में जो व्यक्ति काम करने में दक्ष होगा उसे ही मौका मिलेगा। यदि आप काम करने के लायक नहीं है तो जान लेना चाहिए कि नौकरी भी आपकी नहीं है। यह एक अच्छा प्रयास है। इसकी सराहना की जानी चाहिए। क्योंकि जो लायक होगा उसे ही नौकरी मिलेगी। अन्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।