टेसू-झिंझिया का विवाह: एक अनोखी प्रेम कहानी जो पूरी न हो सकी -मनोज गुप्त

टेसू-झिंझिया का विवाह: एक अनोखी प्रेम कहानी जो पूरी न हो सकी -मनोज गुप्त

किवदंती हैं कि भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक जिसे बुंदेलखंड में भौमासुर भी कहते हैं, को महाभारत का युद्ध देखने आते समय झिंझिया को देखते ही प्रेम हो गया। जब झिंझिया ने विवाह का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने युद्ध से लौटकर झिंझिया को विवाह का वचन दिया। लेकिन अपनी मां को दिए वचन, कि हारने वाले पक्ष की तरफ से वह युद्ध करेंगे, के चलते वह कौरवों की तरफ से युद्ध करने आ गए और श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उनका सिर काट दिया। वरदान के चलते सिर कटने के बाद भी वह जीवित रहे और उन्होंने अपने कटे सिर से महाभारत का युद्ध देखा। युद्ध के बाद मां ने विवाह के लिए मना कर दिया। इस पर बर्बरीक ने जल समाधि ले ली। झिंझिया उसी नदी किनारे टेर लगाती रही लेकिन वह लौट कर नहीं आए। इस तरह एक प्रेम कहानी का अंत हो गया।

पूरा पढ़ें  
I BUILT MY SITE FOR FREE USING