1857 की जंग-ए-आजादी में महिलाओं की भी अहम भूमिका रही। इनमें रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, बेगम जीनत महल जैसी राजसी महिलाओं से लेकर पिछड़े तबके तक की महिलाएं थीं। लेकिन इन्हें इतिहास में वह सम्मान और स्थान नहीं मिल सका, जिसकी ये हकदार थीं। इनके प्रशस्ति गीत नहीं गाए गए। इनकी जांबाजी के कारनामे वक्त की गर्त में विलुप्त हो गए। ऐसी ही कुछ वीरांगनाओं के बारे में हम आपको यहां जानकारी देंगे।
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