काशी (बनारस) का वह श्मसान घाट जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां चिता पर लेटने वाले को सीधे मोक्ष मिलता है। काशी के 84 घाटों में सबसे चर्चित इस घाट का नाम है मणिकर्णिका घाट। मणिकर्णिका घाट दुनियां का इकलौता श्मसान है, जहां चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती है। क्योंकि यहां हर वक्त कोई न कोई चिता जल रही होती है। माना जाता है कि जिस दिन मर्णिकर्णिका घाट पर एक भी चिता नहीं जलेगी वह प्रलय का दिन होगा। अब सवाल उठता है कि चिता के बीच ये नाच-गाना किसलिए? क्यों इंसान को मरने के बाद भी चिता पर सुकून मयस्सर नहीं होने दिया जा रहा है? क्यों कुछ लड़कियां श्मसान में चिताओं के करीब नाच रही हैं? आखिर कौन हैं यह लड़कियां? जी हां यह सब उसी मणिकर्णिका घाट पर होता है जो सदियों से मौत और मोक्ष का साक्षी रहा है। इसी घाट पर सजती है मस्ती में मदहोश और चैंका देने वाली महफिल। एक ऐसी महफिल जो जितना डराती है, उससे कहीं ज्यादा हैरान करती है।
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