भूख प्यास से तड़पते गोवंश को देख साधु अम्बिकानंद सरस्वती के गो सेवाश्रम खर्रा में रह रहे गो-सेवी राजा भइया ने गांव के कुछ लोगों के साथ ग्राम प्रधान से गोशाला में बंधक बनाए गए गोवंशीय पशुओं को चारा, पानी देने का अनुरोध किया तो प्रधान ने चारा, पानी के लिए सरकार से कोई धन न मिलने की बात कहकरी अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए। जिस पर गो-सेवा व संवर्धन के लिए समर्पित राजा भइया ने प्रधान से कहा कि वह गांव में किसी का ट्रैक्टर मांग लेते हैं वह उसमें मात्र 5 लीटर डीजल डलवा दें तो वह गांव में घर घर जाकर लोगों से एक-एक, दो-दो पोटली भूसा मांगकर भूख से मर रहे गोवंश को बचाने का प्रयास करेंगे। लेकिन धन पिपासु ग्राम प्रधान ने ट्रैक्टर में 5 लीटर डीजल डलवाने से भी इंकार कर दिया।
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