सुरभि संदेश: खबर का असर, खर्रा स्थित अस्थाई गोशाला में हुई भूसा व पानी की व्यवस्था -महेश चै|धरी

जालौन। विकास खंड के ग्राम खर्रा में प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम प्रधान व सचिव के प्रबंधनप में संचालित अस्थाई गोशाला में 15 दिन पूर्व 60 से अधिक गोवंश को प्रधान की देखरेख में बंदी बनाकर रखा गया था। लेकिन उक्त बंधक गोवंश के चारे पानी व साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई। भूख प्यास से तड़पते गोवंश को देख साधु अम्बिकानंद सरस्वती के गो सेवाश्रम खर्रा में रह रहे गो-सेवी राजा भइया ने गांव के कुछ लोगों के साथ ग्राम प्रधान से गोशाला में बंधक बनाए गए गोवंशीय पशुओं को चारा, पानी देने का अनुरोध किया तो प्रधान ने चारा, पानी के लिए सरकार से कोई धन न मिलने की बात कहकरी अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए। जिस पर गो-सेवा व संवर्धन के लिए समर्पित राजा भइया ने प्रधान से कहा कि वह गांव में किसी का ट्रैक्टर मांग लेते हैं वह उसमें मात्र 5 लीटर डीजल डलवा दें तो वह गांव में घर घर जाकर लोगों से एक-एक, दो-दो पोटली भूसा मांगकर भूख से मर रहे गोवंश को बचाने का प्रयास करेंगे। लेकिन धन पिपासु ग्राम प्रधान ने ट्रैक्टर में 5 लीटर डीजल डलवाने से भी इंकार कर दिया। 

-जब गोशाला में गायों की दुर्दशा देखकर गो भक्त ने त्यागा अन्न जल   

यह घटना गोवर्धन पूजा के दिन की थी, गांव के प्रधान की इस निर्दयता से दुखी गोभक्त राजा भईया ने भी अपने भोजन, पानी  त्यागने की घोषणा कर दी। एक दिन वह बिना भोजन पानी के रहे भी। दूसरे दिन भाई दूज को राजा भइया के भोजन पानी त्याग देने की सूचना गांव के पूर्व प्रधान पति करन सिंह निरंजन को हुई तो उन्होंने अपने ट्रैक्टर से गोशाला में भूसा भेजकर साधु हृदय राजा भइया से उपवास तोड़ने का अनुरोध किया। लेकिन उपवास तोड़ने से पूर्व राजा भईया ने गोशाला जाकर पहले लिड़ौरियों को साफ किया इसके बाद गायों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की। जब गायों ने भूसा खा लिया, तब राजा भईया ने पूर्व प्रधान के घर जाकर अपना उपवास समाप्त किया। भाई दूज के मौके पर वह शाम को सुरभि संदेश की सहयोगी कृष्णा शिवहरे के आवास पर तिलक कराने के लिए पहुंचे। जहां बातचीत में कृष्णा शिवहरे को गोशाला में गायों की दुर्दशा के बारे में पता चला। (इस बारे में आप सुरभि संदेश के पिछले आलेख में पढ़ चुके हैं) 

-जब सुरभि संदेश को मिली जानकारी-    

गायों की इस दुर्दशा को जानकर कृष्णा शिवहरे ने इसकी जानकारी सुरभि संदेश के प्रधान संपादक, गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के अध्यक्ष व गोभक्त अनिल शिवहरे को दी। इसी दौरान राजा भइया के गायों की भूख को लेकर अन्न जल त्यागने के बारे में अनिल शिवहरे को पता चल चुका था। इसके अलावा खर्रा की अस्थाई गोशाला में बंद गोवंश के दुर्दशा का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। यह सब देख सुनकर सुरभि संदेश के प्रधान संपादक टीम के साथ खर्रा स्थित अस्थाई गोशाला पहुंचे जहां अस्थाई गोशाला के नाम पर एक लोहे की जाली के पीछे लगभग 60 गोवंश बंद मिले। जहां उनके चारे पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। चहुंओर गोबर का अंबार लगा हुआ था। चरही में पानी की कोई व्यवस्था नहीं मिली। भूख, प्यास से व्याकुल गाय बछड़े कभी अपने की मूत्र और गोबर को सूंघकर चाट लेते तो कभी हमारी टीम के सदस्यों को देखकर निरीह होकर रंभाने लगते कि शायद हम उनकी उदरपूर्ति के लिए कुछ साथ लेकर आए हों, तो उन्हें दे दें।

     इसी दौरान टीम के सदस्यों और कैमरों को देखकर गांव के अन्य लोग भी वहां आ गए। जिन्होंने बताया कि गांव में साधु अम्बिकानंद सरस्वती का आश्रम है उन्हीं के शिष्य राजा भईया ने गायों की दुर्दशा से दुखी होकर अन्न जल त्यागने की घोषणा की थी। गोशाला के पुनः संचालन होने पर ग्राम प्रधान ने दो झाल भूसा डाल दिया था। लेकिन तबसे भूसा अथवा चारा न डाले जाने से गाय, बछड़े भूखे, प्यासे ही रह रहे हैं। बीच में गांव के लोगों ने एक ट्रैक्टर मसूर का भूसा गोशाला के लिए एकत्रित कर निशुल्क प्रधान के पास भेजा था। इसके बावजूद प्रधान की लापरवाही के चलते गोशाला में गोवंश की हालत बदतर है। 

-उपजिलाधिकारी ने व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के लिए दिए निर्देश-

    इसके बाद सुरभि संदेश के प्रधान संपादक अनिल शिवहरे ने खर्रा की अस्थाई गोशाला में गोवंश की दुर्दशा और उसका आंखों देखा हाल दूरभाष पर उपजिलाधिकारी गुलाब सिंह को बताया और गोवंशीय पशुओं का जीवन बचाने के लिए उपजिलाधिकारी से आग्रह किया। साथ ही उक्त मामले में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी की भूमिका की भी जांच कराने का आग्रह किया। जिस पर उपजिलाधिकारी ने तत्काल मामले का संज्ञान लेकर खंड विकास अधिकारी सुश्री महिमा विद्यार्थी को कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम से निर्देश मिलने पर बीडीओ ने तत्काल ग्राम पंचायत अधिकारी किरन रावत को व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए।

     तब कहीं जाकर सचिव किरन रावत एक मारूती कार में दो लड़कों के साथ गोशाला पहुंची और वहां तैनात चैकीदार/सफाईकर्मी को गुस्से में डांटते हुए कहा ‘‘तुम यहां क्या करते रहते हो, लोगों ने गोशाला का वीडियो कैसे बना लिया, जो वायरल हो रहा है।’’ इसके बाद उन्होंने ग्राम प्रधान के यहां से 4 पुटरिया भूसा मंगवाया और उसे  बाहर से ही गोशाला के अंदर गोबर के ऊपर ही डलवाने लगी। 

           इतनी देर में राजा भइया के साथ ही सुरभि संदेश की टीम व कुछ अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए थे। जब राजा भैया ने कहा कि गोबर के ऊपर भूसा डलवाने से तो यह खाने योग्य ही नहीं रहेगा। वह गोशाला का ताला खुलवाकर लिड़ौरियों की सफाई कराएं। तब उसमें भूसा डालें। तो सचिव महोदया बिफर कर बोलीं ऐसे में अगर किसी लड़कों को गाय ने मार दिया तो ....। (तभी उन्हें अहसास हुआ कि मौके पर पत्रकार भी मौजूद हैं) बोलीं, ठीक है। लेकिन ध्यान सुरक्षा का भी ध्यान रखा। और उन्होंने ग्रामीणों का भी सहयोग मांगा तो ग्रामीण भी सहयोग करने को सहर्ष तैयार हो गए। सभी ने मिलकर लिड़ौरियों की सफाई की और चरही में पानी भरा। इसके बाद लिड़ौरियों में भूसा डाला गया।

-गायों की दुर्दशा पर क्या कहते हैं गोरक्षक-

     अब प्रश्न उठता है कि इस बार तो सुरभि संदेश और उपजिलाधिकारी के संज्ञान के चलते सब कुछ ठीक हो गया। लेकिन यह व्यवस्था कब तक जारी रहेगी और यदि फिर कोई लापरवाही होती है तो फिर क्या कार्रवाई होगी। 

हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष व गोरक्षा अभियान के जिला प्रमुख राजा सिंह सेंगर गधेला

    सुरभि संदेश ने जब इस संदर्भ में हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष व गोरक्षा अभियान के जिला प्रमुख राजा सिंह सेंगर गधेला से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने उक्त वायरल हुए वीडियो को उन्हें भेजा था। जिसमें उक्त गोशाला, गोशाला न होकर कसाईखाना सी प्रतीत हो रही है। इसके लिए उनकी टीम के सदस्य गोशाला की निगरानी करेंगे। इसके संबंध में वह टीम के सदस्यों को तैयार कर रहे हैं। टीम इसके अतिरिक्त क्षेत्र की अन्य गोशालाओं की भी निगरानी करेगी। जहां व्यवस्थाओं में लापरवाही मिलती है तो उस गोशाला के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर संपूर्ण प्रकरण की जांच कराने और दोषी प्रधान व सचिवों को दंडित कराने का प्रयास किया जाएगा। यदि भूख, प्यास से एक भी गोवंशीय पशु की मृत्यु होती है तो सीधे जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध गोवध अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 

Comments
* The email will not be published on the website.
I BUILT MY SITE FOR FREE USING