श्रीवर्धन गोशाला में सुरभि संदेश व गोरक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में कल मनाया जाएगा गोपाष्टमी पर्व -अनिल पांडेय

जालौन। 22 नवंबर को गोपाष्टमी के पर्व को लेकर सुरभि संदेश व गोरक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में नगर के ऐतिहासिक मुरली मनोहर तालाब स्थित श्रीवर्धन गोशाला में गोपूजन और गो ग्रास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पशुपालकों द्वारा गायों की पूजा अर्चना के साथ ही विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। वहीं राष्ट्रीय गोरक्षा आंदोलन समिति के जिलाध्यक्ष ने भी गांव गांव व घर घर में गोपूजन कार्यक्रमों के आयोजन की अपील की। साथ ही उन्होंने ग्राम प्रधानों से भी गांव में स्थित गोशालाओं में गोपाष्टमी के पर्व पर गोपूजन कार्यक्रम आयोजित कराने की अपील की है।                               प्राणी मात्र के कल्याण के लिए तत्पर को जगत जननी गोमाता के संवर्धन के लिए समर्पित पर्व ‘गोपाष्टमी’ का स्वयं में महत्वपूर्ण स्थान है। दीपावली के बाद आयोजित होने वाला यह पर्व इस बार 22 नवंबर दिन रविवार को है। सुरभि संदेश इस महान पर्व पर विशेष आयोजन करता रहा है। इसी क्रम में रविवार को गोरक्षा अभियान व सुरभि संदेश के संयुक्त तत्वावधान में नगर के ऐतिहासिक मुरली मनोहर तालाब स्थित श्रीवर्धन गोशाला में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिसमें गो आरती के साथ ही गो पूजन व गो ग्राम कार्यक्रम प्रमुख होंगे। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों की भी सहभागिता रहेगी। पशुपालक अपने पशुओं को गोशाला में लाकर गो पूजन में भाग ले सकते हैं।

-गोपाष्टमी पर्व को लेकर राष्ट्रीय गोरक्षा आंदोलन समिति के जिलाध्यक्ष की अपील-

गोपाष्टमी पर्व को लेकर राष्ट्रीय गोरक्षा आंदोलन समिति के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गुर्जर बिरहरा ने नगर व क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि गोपाष्टमी के महान पर्व पर सभी लोग गोमाता के संरक्षण व संवर्धन की शपथ लें। इस दिन सुबह से ही सभी पशुपालक व किसान भाई अपने गोवंशीय पशुओं को नहला धुलाकर तैयार कर लें। इसके बाद उनका विधि विधान से पूजन करें। क्योंकि मान मात्र के लिए गाय माता कल्याणकारी है। ग्राम प्रधानों से भी अपील की है कि सभी गांवों के प्रधान अपने अपने गांव में स्थित गोशालाओं में गोपूजन और गो ग्रास के कार्यक्रम आयोजित करें। इसके अलावा उन्होंने पशु पालकों अपने पशुओं को अन्ना न छोड़ने की अपील की है। उन्होंने मार्मिक अपील में कहा कि जिस गाय ने अपने पूरे जीवन में तुम्हें और तुम्हारे परिवार पर उपकार किया है। अपने दुग्ध से तुम्हारे घर को धन धान्य से परिपूर्ण बनाए रखा। तब उनके जीवन के अंतिम दिनों में तुम उनकी सेवा भी नहीं कर सकते। यदि स्वयं को मानव कहते हो तो मानव धर्म भी निभाओ।  



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