सुरभि सबला: नगर की बेटी ने लहराया सफलता का परचम, बढ़ाया नगर का गौरव -जावेद अख्तर

जालौन। नगर की बेटी ने नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर एमबीबीएस में प्रवेश पाकर नगर का गौरव बढ़ाया। एसबीडीएम इंटर काॅलेज की छात्रा को मिली इस सफलता पर नगर के लोग प्रफुल्लित हैं। लोगों ने उसके घर जाकर बधाइयां दीं। सुरभि संदेश परिवार भी बेटी की इस सफलता पर उसे शुभकामनाएं देता है।

     कहते हैं कि यदि आपके अंदर जज्बा है तो पहाड़ को काटकर भी रास्ता बनाया जा सकता है और समय-समय पर होनहारों ने ऐसा कर भी दिखाया है। यदि सही दिशा और लक्ष्य प्राप्ति का उद्देश्य हो तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी। नगर ने सिर्फ प्रतिभावान युवा ही नहीं दिए हैं बल्कि ‘सुरभ सबलाओं’ ने भी अपना परचम फहराया है। अन्य छात्राओं और युवतियों को प्रेरणा देने का ऐसा ही कार्य किया है नगर में स्थित एसबीडीएम इंटर काॅलेज के संचालक व परिषदीय विद्यालय में शिक्षक धीरज बाथम की बेटी नंदिनी बाथम ने, जिन्होंने नीट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर परिवार का ही नहीं बल्कि नगर का भी गौरव बढ़ाया है। जो अब डाॅक्टर बनकर रोगियों की सेवा करेगी। जहां तक मुझे ज्ञात है कि नगर से एमबीबीएस की कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने वाली नंदिनी नगर की पहली बेटी हैं। (यदि इस सफलता को प्राप्त करने वाली नगर की अन्य कोई बेटी हो, जिसका नाम लेखक को ज्ञात नहीं है, तो कृपया कमेंट, मोबाइल अथवा ईमेल द्वारा अवश्य बताएं ताकि भूल सुधार किया जा सके)

    नंदिनी ने इस सफलता को यूं ही नहीं प्राप्त कर लिया। यह नंदिनी की कड़ी मेहनत, लगन और धैर्य का परिणाम है। पिता धीरज बाथम बताते हैं कि बेटी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही इंटरमीडिएट तक की शिक्षा एसबीडीएम इंटर काॅलेज से ही शिक्षा प्राप्त की है। बचपन से ही मेधावी रही नंदिनी ने हाईस्कूल की परीक्षा 90 प्रतिशत व इंटरमीडिएट की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। बेटी में लगन ऐसी थी कि उन्हें कभी उसे पढ़ने के लिए नहीं कहना पड़ा। बेटी की इस सफलता में उसके शिक्षकों के साथ ही उसकी स्वयं की मेहनत का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने तो बस अपने कर्तव्य को पूरा किया है। बेटी पढ़ना चाहती थी तो उन्होंने उसे मात्र साधन उपलब्ध कराए। इन साधनों का प्रयोग कर साध्य तक उसे ही पहुंचना था और आज जब बेटी द्वारा देखा गया स्वप्न साकार हो रहा है, तो उन्हें भी बेटी की इस सफलता पर गर्व है। इसमें पत्नी का भी अहम योगदान रहा है जो उन्होंने बेटी को लक्ष्य से नहीं भटकने दिया बल्कि इसमें उसका साथ दिया।

     अपनी सफलता को लेकर नंदिनी ने ‘सुरभि संदेश’ के साथ वार्ता में बताया कि वह जब बचपन में कभी बीमार होकर डाॅक्टर के पास जाती थीं, तो उनके मन में विचार रहता था कि रोगियों के बीच घिरे रहकर कैसे डाॅक्टर किस तरह रोगियों का जीवन बचाने में तत्पर रहते हैं। यदि आपके द्वारा एक भी जान बचाई जा सकी तो वह सबसे बड़ा पुण्य होगा। इसके अलावा समाज में डाॅक्टर का जो स्थान है जो सम्मान है वह भी हर किसी को नसीब नहीं होता है। रोगियों की सेवा कर यदि जीवन व्यतीत होता है तो इससे बढ़कर आत्म संतुष्टि कोई हो ही नहीं सकती थी। उसे सपने भी ऐसे ही आते थे कि वह डाॅक्टर बनकर रोगियों की सेवा कर रही हैं। नीट की परीक्षा के दौरान नर्वस थीं कि उनका यह सपना पूरा होगा अथवा नहीं। लेकिन जब परिणाम के माध्यम से उन्हें मेहनत का फल मिला तो वह बहुत खुश हैं। क्योंकि हर किसी को यह नसीब नहीं होता कि वह जो सपने देखता है वह पूरे ही हों। लेकिन स्वयं का सपना पूरा होने पर वह बहुत खुश हैं। जो मेहनत और लगन वह अभी तक करती रही हैं यह आगे भी जारी रहेगी।

     नगर की ‘सुरभि सबला’ नंदिनी की इस सफलता पर न सिर्फ उनके माता पिता बल्कि उनके शिक्षक व नगरवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। नगर के लोगों ने नंदिनी के घर जाकर उन्हें सफलता की बधाई थी। ‘सुरभि संदेश’ परिवार भी आशा करता है कि यह दीपावली वह दोगुने उत्साह के साथ मनाएं क्योंकि यह दीपावली उनके लिए दोगुनी खुशियां लेकर आई है। साथ ही नगर की अन्य सुरभि सबला महिलाओं, युवतियों, छात्राओं से अपील करता है कि नंदिनी की इस सफलता से वह प्ररेणा लें कि कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं है। जरूरत है तो सिर्फ अजुर्न जैसी देखने वाली आंख कि उन्हें पेड़ पर बैठी चिड़िया के सिवा और कुछ नहीं दिख रहा था। जिसके बाद उनके लिए लक्ष्य भेदना आसान हो गया। इसी तरह आपके सामने भी लक्ष्य स्पष्ट हो तो सफलता अवश्य ही आपको भी प्राप्त होगी।

 समय-समय पर हम आपको ऐसी ही प्रेरणा देने वाली ‘सुरभि सबलाओं’ से मिलवाते रहे हैं और आगे भी मिलवाते रहेंगे। आप अपने विचार एवं सुझाव हमारे साथ साझा करते रहें। इसी से हमें भी प्ररेणा मिलती है। यदि आप भी किसी ऐसी ही सबला को जानते हों जो महिलाओं और समाज के लिए प्ररेणा बन सकती हो तो अवश्य ही हमें उससे मिलवाएं। ‘सुरभि संदेश’ परिवार उनकी सफलता की कहानी को पाठकों के समक्ष पेश करेगा। ताकि समाज की अन्य महिलाएं व युवतियां उससे प्रेरणा पाकर अपने जीवन का उत्थान कर सकें।

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