रामराजा निरंजन को मिला समाजसेवी कार्यों का फल सपत्नीक निर्विरोध चुने गए बीडीसी, अब प्रमुख की बारी

जालौन। समाजसेवी रामाराजा निरंजन द्वारा की जाने वाली समाजसेवा से प्रभावित होकर क्षेत्र की जनता ने रामराजा निरंजन व उनकी पत्नी को निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) पद के लिए चुना। उन्हें ब्लाॅक प्रमुख पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। संभव है कि उन्हें निर्विरोध बलाॅक प्रमुख भी चुन लिया जाए।

         आपके द्वारा किए जाने वाली निस्वार्थ कार्य का फल अवश्य ही मिलता है। ऐसा ही कुछ समाजसेवी रामाराजा निरंजन के साथ भी है। बेतवा सीड्स के संचालक रामराजा निरंजन का स्वभाव काफी मिलनसार है। इतना ही नहीं समाजसेवा के कार्यों में भी बिना किसी दिखावे के लगातार बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि उनकी छवि समाजसेवक के रूप में बनी हुई है। चाहे व्यापार हो अथवा राजनीति उन्होंने हमेशा से अपनी स्थिति को मजबूत बनाकर रखा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कुछ सहयोगियों के कहने पर पहले वह जिला पंचायत के लिए दावेदारी कर रहे थे। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट आरक्षित होने पर उन्होंने ब्लाॅक की राजनीति करना बेहतर समझा।

 

पत्नी प्रमोद कुमारी भी चुनी गई निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य

       लोगों से मिलकर उन्होंने अपने पैतृक गांव सिकरी राजा से पत्नी प्रमोद कुमारी को क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनाव के लिए पर्चा भराया और स्वयं सुढ़ार सालाबाद सीट से उम्मीदवार हुए। उनके समाजसेवा के कार्यों से प्रभावित होकर उक्त दोनों ही सीट पर किसी अन्य प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया। यही कारण है कि दोनों ही सीट पर पति पत्नी को क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद पर निर्विरोध चुन लिया गया। इसी प्रकार ऊद अतरछला सीट से मोनिका पत्नी आशीष को उनके समाजसेवी कार्यों से प्रभावित होकर निर्विरोध चुना गया। यदि लोगों की मानें तो क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद पर निर्विरोध चुने जाने के बाद रामराजा निरंजन अब ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। हालांकि अभी ब्लाॅक प्रमुख पद पर चुने जाने के लिए काफी समय है। लेकिन सब कुछ ठीक ठाक रहा तो रामराजा निरंजन को ब्लाॅक प्रमुख के पद पर भी निर्विरोध चुना जाना संभव है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। 

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