आखिर कब होगी युद्ध के बीच छात्रों की वापसी, अभिभावक चिंतित

जालौन। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच नगर के जो छात्र यूक्रेन और रूस में फंसे हुए हैं उनकी हालांकि परिजनों से तो बात हो रही है। लेकिन सबसे अधिक समस्या खाने पीने के सामान को लेकर हो रही है। रात में छात्रों को मैट्रो स्टेशन के बेसमेंट में रूकना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में अभिभावक चिंतित हैं और बच्चों की जल्द एवं सकुशल घर वापसी की राह देख रहे हैं।

      पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुमार गुप्ता बताते हैं कि उनका पुत्र विकास गुप्ता यूक्रेन के खारकीब शहर में है। पुत्र उनके लगातार संपर्क में है। लेकिन शहर में बमबारी हो रही है। तनाव को देखते हुए पुत्र की 26 फरवरी की वापसी की फ्लाइट थी। इसी वजह से राशन आदि भी नहीं लिया था। अब खाने की समस्या हो रही है, हालांकि दोस्त एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। अब भारत सरकार से ही उम्मीद है कि वह छात्रों को जल्द लेकर आए। 

      यूक्रेन में फंसी छाया यादव के भाई राघवेंद्र ने बताया कि उनकी बहिन विनीस्थीया शहर में है। जहां लगातार धमाकों की आवाज आ रही है। हालांकि बहिन विनीस्थीया के हाॅस्टल में है। अभी खाने पीने की दिक्कत तो नहीं है। लेकिन यदि ज्यादा समय रूकना पड़ा तो दिक्कत हो सकती है। क्योंकि स्टोर बंद है, जो स्टाॅक है अभी उसी से काम चलाया जा रहा है।

      यूक्रेन के कीव शहर में मौजूद आकृति चित्रांश के पिता शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बेटी ने बताया है कि भारतीय दूतावास द्वारा एनाउंस कराया गया है कि भारतीय छात्रों को जल्द वहां से निकाला जाएगा। पोलेंड के रास्ते छात्रों को निकालने का प्रयास भी किया जा रहा है। लेकिन कीव शहर से वहां की दूरी लगभग 600 किमी है और जाने का कोई साधन नहीं है। बताया जा रहा है कि रूसी सेना शहर में आ चुकी है। ऐसे में कैसे वहां से निकलना होगा सोच नहीं पा रहे हैं। 

     भूपेश बाथम का पुत्र आशीष बाथम हालांकि रूस के क्रीनिया स्थित सिम्पेरोपूल में है। उनकी पुत्र से बात भी हो रही है। हालांकि वहां हमला तो नहीं हुआ है। लेकिन यदि यूक्रेन हमला करता है तो बाॅर्डर पर स्थित क्रीनिया में दिक्कत हो सकती है। बमबारी और धमाकों की आवाज वहां भी सुनी जा सकती हैं। स्थिति बिगड़े इससे पहले वह चाहते हैं कि उनका पुत्र वापस घर आ जाए।

उधर, भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष अभय सिंह राजावत ने यूक्रेन और रूस में फंसे नगर के छात्रों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि नगर के चार छात्र रूस और यूक्रेन में फंसे हुए हैं। नगर के चारों छात्रों को एयर लिफ्ट कराकर उनके माता पिता से मिलाया जाए। क्योंकि युद्ध के बीच फंसे हुए छात्रों के माता पिता अत्यधिक चिंतित हैं।

             भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष अभय सिंह राजावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यूक्रेन में नगर के तीन छात्र क्रमशः आकृति चित्रांश पुत्री शैलेंद्र श्रीवास्तव, विकास गुप्ता पुत्र रामकुमार गुप्ता, राघवेंद्र यादव की बहिन छाया यादव हैं। इसके अलावा रूस में आकाश बाथम है। यूक्रेन में फंसे तीनों छात्रों को रात मैट्रो स्टेशन के बेसमेंट में गुजारनी पड़ रही है। कुछ शहरों में रूसी सेना भी घुस चुकी है। ऐसे हालात में अभिभावकों की चिंता स्वभाविक है। अभिभावकों की चिंता को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि युद्धरत देशों में नगर के फंसे हुए छात्रों समेत सभी भारतीय छात्रों को एयर लिफ्ट कराया जाए। ताकि अभिभावकों की चिंता दूर हो। जब तक उन्हें निकाला नहीं जाए तब तक वहां उनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। दोनों देशों के दूतावासों से संपर्क कर वहां फंसे हुए छात्रों की स्थिति पर नजर रखी जाए उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो उन्हें मुहैया कराई जाएं।  

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