कोंच चैराहे पर स्थित दीन दयाल उपाध्याय प्रतिमा स्थल दिन बहुरने के इंतजार में है :     जावेद अख्तर

जालौन। नगर में कोंच चैराहे पर स्थित पं. दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रही है। केंद्र व प्रदेश से लेकर स्थानीय नगर पालिका तक भाजपा का बहुमत होने के बाद भी पंडितजी को एक अदद तारणहार नहीं मिलन रहा है। जिससे उन्हें आदर्श मानने वाले लोगों में रोष है। लोगों ने कोंच चैराहे का नाम पं. दीन दयाल उपाध्याय चैराहा और प्रतिमा के चारों ओर सुंदरीकरण कराने की मांग की है।

      मथुरा में 25 सितंबर 1916 को जन्मे जनसंघ के संस्थापकों में एक दीनदयाल उपाध्याय का व्यक्तित्व और उनके विचार आज भी कितने प्रासंगिक हैं इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। एक एकात्म मानववाद के प्रणेता होने के साथ ही उनकी सोच थी कि उस विकास का कोई मतलब नहीं जो समाज के अंतिम पायदान तक मौजूद व्यक्ति तक न पहुंचे। उनका मानना था कि योजनाओं को इस ढंग से लागू किया जाना चाहिए कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक उस योजना का लाभ पहुंचे।

          दीनदयाल उपाध्याय और उनके विचारों को सम्मान देने के लिए तत्कालीन एमएलए व लघुउद्योग मंत्री बाबूराम दादा ने कोंच चैराहे पर स्थापित पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का वर्ष 13 जून 1999 को में अनावरण किया था। लेकिन समय के साथ उनको भुला दिया गया है। यही कारण है कि आज उनकी अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रही है।

            एक ओर प्रदेश सरकार महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्थापित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। लेकिन यदि उनका रख रखाव ही सही ढंग से नहीं हो पाएगा तो ऐसी प्रतिमा लगवाने का फायदा ही क्या है। ऐसा ही कुछ हाल नगर के कोंच चैराहे पर स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रतिमा स्थल का है।  चैराहे के बीच में पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रतिमा स्थापित कराई गई थी। जिसके चारों ओर पेड़ पौधे और चबूतरा बनवाकर उसे जाली से घेरा गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में मूर्ति के आसपास का चबूतरा पूरी तरह से टूट चुका है। इसके अलावा आसपास लगवाए गए पेड़ पौधे भी नष्ट हो चुके हैं।

              चबूतरा टूटने के बाद अब स्मारक स्थल पर आवारा जानवर बैठे नजर आते हैं। स्मारक स्थल पर टूट फूट होने से रात के समय आवारा जानवर बैठे रहते हैं। सुरक्षित न होने से कभी भी किसी वाहन से प्रतिमा को क्षति पहुंचाई जा सकती है। 

           लगभग 5 वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी से नगर पालिकाध्यक्ष चुने गए तत्कालीन चेयरमैन गुलाब सिंह जाटव ने राज्य वित्त आयोग योजना के अंतर्गत प्रतिमा स्थल के आसपास सुंदरीकरण कराया था। लेकिन इसके बाद फिर देखरेख न होने पर प्रतिमा स्थल की हालत फिर से खराब होने लगी है। 

          यह हाल तब है जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अनुयायी देश और प्रदेश के साथ ही नगर की सत्ता में हैं। केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार के साथ ही जब भाजपा से वर्तमान चेयरमैन गिरीश कुमार गुप्ता नगर पालिका पहुंचे थे तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब पं. दीन दयाल प्रतिमा स्थल के दिन बहुरेंगे और उन्हें उचित सम्मान देकर प्रतिमा स्थल का सुंदरीकरण कराकर उसकी देखरेख की जाएगी। साथ ही कोंच चैराहे का नाम उन्हें सम्मान देते हुए पं. दीनदयाल उपाध्याय चैराहा किया जाएगा। लेकिन इस दिशा में कोई काम न होने से लोगों की यह आस भी अब टूटती नजर आ रही है।

क्या कहते हैं नगरवासी

     मोहल्ला मुरली मनोहर निवासी अमित शिवहरे कहते हैं कि पं. दीन दयाल उपाध्याय को सम्मान देते हुए उनकी प्रतिमा स्थल के आसपास सौंदर्यीकरण कराया जाए। साथ ही प्रतिमा स्थल की नियमित साफ सफाई व देखरेख के लिए किसी कर्मचारी की तैनाती की जाए। 

     मोहल्ला नारोभास्कर निवासी विपुल दीक्षित कहते हैं कि कोंच चैराहे पर पं. दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित है। इसलिए कोंच चैराहे को उनसे उनसे जोड़कर कोंच चैराहे का नाम पं. दीन दयाल उपाध्याय चैराहा किया जाए। जिससे उन्हें उचित सम्मान प्राप्त हो सके।

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