फोटो परिचय: तत्काल टिकट के समय 11 बजे सुबह उपडाकघर स्थित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर नहीं है मौजूद कोई कर्मचारी, खाली पड़ा काउंटर
जालौन। उप डाकघर में संचालित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर आए दिन सर्वर खराब रहने से काम ठप रहता है। लोग टिकट के लिए घंटों लाइन में लगते हैं। जिसके बाद सर्वन न आने से लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। ऐसे में लोगों का समय बर्बाद होता है साथ ही उन्हें जिला मुख्यालय पर जाकर टिकट कराने पड़ते हैं। इतना ही नहीं कर्मचारी भी रिजर्वेशन करने में रूचि नहीं दिखाते हैं। जिसके चलते काउंटर से कर्मचारी नदारत नजर आते हैं। रिजर्वेशन काउंटर होने के बावजूद नगर व क्षेत्र जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है जिससे लोगों में रोष है। नगरवासियों ने रेल महाप्रबंधक से व्यवस्थाएं ठीक कराने की मांग की है।
नगर व क्षेत्र की जनता को पूर्व में अपना समय व रुपये खर्च करके टिकट के लिए जिला मुख्यालय पर भागना पड़ता है। क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद घनश्याम अनुरागी और अपर मंडल रेल प्रबंधक झंासी की उपस्थित में 20 सितंबर 2013 को पोस्ट आॅफिस में रेल रिजर्वेशन काउंटर की शुरूआत हुई थी। नगर में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर खुलने से नगर ही नहीं बल्कि क्षेत्र की जनता ने भी हर्ष व्यक्त किया था। लोगों को लगा था कि उनका समय व अनावश्यक रुपयों की बर्बादी रूक सकेगी। शुरूआत में ऐसा हुआ भी।
लेकिन समय बीतने के साथ साथ रिजर्वेशन काउंटर के संचालन में विभाग की दिलचस्पी घटने लगी। यही कारण रहा कि रिजर्वेशन काउंटर पर समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालत यह है कि और चीजें तो छोड़ ही दीजिए लाइट न होने पर भी लोगों के रिजर्वेशन नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा आए दिन सर्वर न आने की समस्या बनी रहती है। जो लोग जिला मुख्यालय नहीं जाना चाहते हैं उन्हें कई कई दिनों तक प्रतिदिन टिकट के लिए चक्कर काटना पड़ता है। इसके बाद भी जरूरी नहीं है कि उन्हें टिकट मिल ही जाएं।
नगर का क्षेत्र से लोग काफी आस लेकर अपना रिजर्वेशन कराने के लिए जब टिकट काउंटर पर पहुंचते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि तकनीकी खराबी अथवा बिजली न होने के चलते उनका रिजर्वेशन नहीं हो सकता है। जिस पर लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। इसके बाद उन्हें रिजर्वेशन कराने के लिए उरई भागना पड़ता है। जिससे उनका न केवल खर्चा अधिक आता है बल्कि समय भी काफी खराब होता है। रेलवे रिजर्वेशन काउंटर की परेशनियों को लेकर राहुल राजावत, आलोक शर्मा, सुहेल अख्तर, मोहम्मद मुसैब, प्रतीककांत चंसौलिया आदि ने रेल महाप्रबंधक से डाकघर में रिजर्वेशन काउंटर की व्यवस्थाएं दुरूस्त कराने की मांग की है।
उक्त संदर्भ में पोस्ट मास्टर शफकत उल्ला ने बताया कि तकनीकी खराबी के बारे में रेलवे के अधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है। लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। रेलवे अधिकारी व्यवस्थाओं को सुधारने में रूचि नहीं ले रहे हैं। यदि व्यवस्थाएं दुरूस्त करा दी जाएं तो कोई समस्या न रहेगी।
टिकट काउंटर पर मौजूद तोपखाना निवासी लोकेंद्र सिंह यादव कहते हैं कि उन्हें दिल्ली के लिए तत्काल का टिकट लेना था। 10 बजे से काउंटर पर खड़े थे। 11 बजे जब तत्काल टिकट का समय हुआ तो उनसे सर्वर न आने की बात कह दी गई। ऐसे में समय भी बर्बाद हुआ और टिकट भी नहीं मिला।
मुरली मनोहर निवासी अशफाक राईन बताते हैं कि टिकट काउंटर के कर्मचारी टिकट बनाने के काम में रूचि नहीं दिखाते हैं। वह काउंटर पर बैठे नजर ही नहीं आते हैं। कोई रिजर्वेशन के लिए पूछतांछ करे तो बाहर से ही मना कर देते हैं। कम्यूटर देखने तक की जहमत नहीं उठाते हैं।
पुरानी हाट निवासी प्रतीककांत चंसौलिया कहते हैं कि बिजली जाते ही विभाग के कर्मचारी ज्यादा लोड होने का बहाना बनाकर रेलवे का सिस्टम बंद कर देते हैं। कोशिश की जाती है कि टिकट कराने वाले व्यक्ति टिकट न बनाने पड़े। कर्मचारियों के काम में रूचि न लेने की वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
नारोभास्कर निवासी विपुल दीक्षित कहते हैं कि नगर में वैसे भी सुविधाओं के नाम पर कुछ अधिक है नहीं। रेलवे रिजर्वेशन काउंटर खुलने पर लोगों को खुशी हुई थी कि अब उन्हें इसका लाभ मिलेगा। लेकिन रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।