जालौन। भारत में राजा-महाराजाओं का जमाना बेशक गुजर गया हो लेकिन राजाओं के शाही परिवार अपनी प्रतिष्ठा, शौर्य, गरिमा, स्वाभिमान, बाहुबल, परोपकार तो कभी अपने असीम सौंदर्य के कारण आज भी याद किए जाते हैं। भारतीय इतिहास राजसी परिवारों के वैभवशाली जीवन और सुंदरता की कथाओं से परिपूर्ण है। बात जब राजा के शौर्य और साहस की होती है तो रानियों और राजकुमारियों के सौंदर्य की चर्चा भी कम नहीं होती है। इन्ही शाही परिवारों में कई रमणीय राजकुमारियां भी हुई हैं। अपनी खूबसूरती और सौंदर्य से मोहित करने वाली ऐसी ही भारतीय सुंदरियों से ‘सुरभि संदेश’ आपको परिचित कराने जा रहा है। जिन्हें अब तक की सबसे खूबसूरत महिलाओं में गिना जाता है...
इंदिरा राजे (19 फरवरी 1892-6 सितंबर 1968) बड़ौदा की राजकुमारी व कूच बिहार की महारानी, अपनी सुंदरता और परोपकार के लिए जानी जाती थी। इनके पिता सयाजी गायकवाड़ और मां महारानी चिमनी बाई थीं। इनका विवाह कूच बिहार के राजकुमार जितेंद्र नारायण से हुआ। जिनसे वह दिल्ली दरबार में मिली थीं। जितेंद्र नारायण से विवाह करने के लिए उन्होंने ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया से अपनी सगाई तोड़ दी। मात्र 18 वर्ष की उम्र में साहसिक निर्णय लेकर उन्होंने शाही नियमों की अवहेलना की और अपने प्रेमी कूच बिहार के राजकुमार जीतेंद्र के साथ भाग गईं। महारानी इंदिरा उच्च जीवन जीने की ख्वाहिश रखती थी और प्रिंस जॉर्ज के साथ प्रेम संबंधों को लेकर भी चर्चा में रहीं। इन्होंने अपने जीवन में कई त्रासदियों का सामना किया। जयपुर की महारानी गायत्री देवी व त्रिपुरा की महारानी देवी इन्हीं की पुत्रियां थीं। इंदिरा राजे ने अपने जीवन का अंतिम समय मुंबई में बिताया।
सीता देवी (12 मई 1917-15 फरवरी 1989) पीतमपुरा के महाराज राजाराव वेंकट कुमारा महिपति सूर्य राऊ और रानी चिन्नाम्बा की पुत्री थीं। इनका पहला विवाह, वायुरू के जमींदार अप्पाराव बहादुर से हुआ, जिनसे इनके तीन बच्चे हुए। 1943 में मद्रास में घुड़दौड़ में इनकी मुलाकात बड़ौदा के महाराजा प्रताप सिंह गायकवाड़ से हुई जो उस समय दुनिया के आठवें सबसे अमीर आदमी थे। दोनों एक दूसरे के प्रेम में पड़ गए। अपना पहला विवाह तोड़ने के लिए कानूनी सलाह से सीता देवी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और प्रताप सिंह गायकवाड़ से विवाह कर उनकी दूसरी पत्नी बन गईं। जिनसे उनका एक बेटा हुआ जिसका नाम सयाजी राव गायकवाड़ था। 1956 में सीता देवी ने गायकवाड़ को तलाक दे दिया और लंदन चली गईं। 1985 में सयाजी राव गायकवाड ने आत्महत्या कर ली, जिसके चार साल पश्चात सीता देवी की मृत्यु हो गई।
नीलोफर फरहत साहिबा (जन्म 4 जनवरी 1916 इस्तांबुल, मृत्यु 12 जून 1989 पेरिस) ओटोमन (तुर्की) साम्राज्य की आखिरी राजकुमारी थी। 16 वर्ष की आयु में इनका विवाह हैदराबाद के अंतिम निजाम के दूसरे पुत्र मोअज्जम जाह से हुआ। सुंदर होने की वजह से उन्हें हैदराबाद का कोहिनूर भी बुलाया जाता था। दुख की बात ये है कि लाख कोशिशों के बावजूद वो मां न बन सकीं, जिसके बाद उन्होंने अपना सारा जीवन समाजसेवा में लगा दिया। 1952 में शादी के 21 साल बाद इनका तलाक हो गया। तलाक के बाद वह फ्रांस पहुंच गईं। 21 फरवरी 1963 को निलोफर ने एडवर्ड जूलियस पोप से विवाह किया, जो एक युद्ध नायक, लेखक और फिल्म निर्माता थे। .
राजमाता गायत्री देवी (23 मई 1919-29 जुलाई 2009) जयपुर के भूतपूर्व राजघराने की राजमाता थीं गायत्री देवी। राजकुमारी गायत्री देवी के पिता राजकुमार जितेंद्र नारायण कूचबिहार (बंगाल) के युवराज के छोटे भाई थे, वहीं माता बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे थीं। पहले शांतिनिकेतन, फिर लंदन और स्विट्जरलैंड में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात इनका इनका विवाह जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह (द्वितीय) से हुआ। महारानी गायत्री को, 2009 में ‘वोग मैगजीन’ द्वारा 60 के दशक की दुनिया की सबसे सुंदर महिला का खिताब प्रदान किया गया। गायत्री देवी ने 1939 से 1970 तक जयपुर पर महारानी के तौर पर शासन किया। यूरोप में शिक्षा प्राप्त करने वाली गायत्री देवी अपने असीम सौंदर्य की वजह से युवाओं के लिए फैशन का जरिया बन गयी। कारों की शौकीन गायत्री देवी ने पहली मर्सडीज बेंज 126 गाड़ी भारत में मंगवायी थी।
सीता देवी (1915-2002) कपूरथला के राजकुमार करमजीत सिंह की पत्नी थीं। वह अपने समय की सबसे अधिक आकर्षक महिला मानी जाती थी। एक जमींदार के घर में जन्मीं सीता देवी का विवाह 13 वर्ष की आयु में कपूरथला के महाराजा के छोटे बेटे से कर दिया गया। सीता देवी को 19 वर्ष की आयु में वोग मैगजीन द्वारा सांसारिक देवी की उपाधि प्रदान की गयी। दुनिया में 5 सबसे सुंदर वस्त्र पहनने वाली महिलाओं इनकी गिनती होती थी।
रानी पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रत्नसिंह की पत्नी थीं। इस राजपूत रानी का अस्तित्व संदिग्ध है। इतिहासकार इनका अस्तित्व मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत के आधार पर मानते हैं। पद्मावत के अनुसार इनके पिता सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और माता रानी चंपावती थीं। इन पर एक फिल्म का भी निर्माण किया गया। जिसमें बालीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती की भूमिका निभाई। साथ ही राजा रत्न सिंह के रूप में अभिेनता शाहिद कपूर और अलाउद्दीन खिलजी के रूप में रणवीर सिंह नजर आए।
मेहताब कौर (1782-1813) गुरूबख्श सिंह कन्हैया और सादा कौर की पुत्री थीं। यह सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह की पहली पत्नी थीं। इनके तीन बेटे थे-शेर सिंह, तारा सिंह और ईशर सिंह। शेर सिंह 1841 से 1843 तक सिख साम्राज्य के संस्थापक रहे।