... तो क्या कांग्रेस जिलाध्यक्ष के खिलाफ झूठा आरोप लगान वाली युवतियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी उरई पुलिस  -जावेद अख्तर

जालौन। जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अनुज मिश्र मामले में नाटकीय मोड़ आया। जिलाध्यक्ष को सरेआम बेइज्जत करने वाली युवतियों ने उन्हें देवपुरूष बताते हुए उक्त घटनाक्रम को अपनी भूल बताया। तो क्या इसी के साथ इस घटना का पटाक्षेप हो जाएगा अथवा अभी कुछ और भी सामने आना बाकी है। 

    ‘सुरभि संदेश’ ने अपने पूर्व लेख में भी इस मामले को लेकर कोेई निर्णय नहीं सुनाया था और न ही अब भी निर्णय सुनाने का कोई इरादा है। क्योंकि इस मामले में कानून अपने अनुसार कार्य करेगा। लेकिन दोनों घटनाक्रमों की तुलना आवश्यक है। 

-आइए सबसे पहले जानते हैं कि क्या है पूरा मामला-

जिला क्रांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनुज मिश्र, जिन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के माध्यम से जिले की कमान की सौंपी गई थी। वह अपनी क्षमता के साथ कांग्रेस को जिले में खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे। तभी एक अप्रत्याशित घटनाक्रम हुआ। उरई नगर के रेलवे स्टेशन के पास पिछले दिनों दो युवतियां, जो बहनें थीं, एक व्यक्ति पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए चप्पलों से मारपीट करती नजर आईं और मार खाने वाला व्यक्ति युवतियों से गिड़गिड़ा रहा था और माफी मांग रहा था। लेकिन दोनों बहनें थीं कि रूकने का नाम नहीं ले रही थीं। 


    सरेआम हो रहे इस घटनाक्रम को देखकर किसी ने भी पिट रहे व्यक्ति को बचाने तक की कोशिश नहीं की। जब लोगों की भीड़ जुटी तो कुछ लोगांे ने उन्हें पहचान लिया कि वह तो जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनुज मिश्र हैं। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते फटाफट जिलाध्यक्ष की पिटाई के लाईव वीडियो बनाए गए और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। बाद में पता चला कि वीडियो बनाने के लिए दोनों युवतियां अपने साथ कुछ युवकों को भी लाई थीं। इस तरह के मामलों में जैसा होता है कि यह मामला भी हर तरफ चर्चा का विषय बन गया। जिलाध्यक्ष की जो छवि बनी थी वह पल भर में नष्ट हो गई। उन्हीं की पार्टी के लोग भी उनसे कतराते नजर आए कोई उनके साथ खड़ा नजर नहीं आया। हालांकि पिटाई के बाद जिलाध्यक्ष ने सफाई पेश करते हुए मीडिया को बताया कि युवतियों के परिजनों से उनके पारिवारिक संबंध हैं। उन्होंने उन्हें राजनैतिक षड्यंत्र के तहत फंसाए जाने की बात कही। बताया कि युवतियों के परिजनों को उन्होंने 3 लाख रुपये का बिल्डिंग मैटेरियल का सामान दिलाया था। जिसका भुगतान भी उन्होंने ही किया था। अब तीन लाख रुपये न लौटाना पड़े इसलिए इस घटना को अंजाम दिया गया। बात यहीं नहीं रूकी बल्कि शाम होते होते न सिर्फ काॅल रिकाॅडिंग भी वायरल हुई बल्कि दोनों युवतियों ने उरई कोतवाली में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के खिलाफ छेड़खानी की तहरीर दे दी। हाईप्रोफाइल केस होने और चर्चा का विषय बने इस केस में पुलिस ने तत्काल जिलाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली में बैठा लिया। इसके बाद उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद क्या हुआ यह चर्चा बाद में करेंगे। 

-कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने क्या खोया और उनकी क्या भूल रही-

इस प्रकरण में कांग्रेस जिलाध्यक्ष उनका राजनैतिक करियर भी खतरे में पड़ गया। उन्हें जेल की भी हवा खानी पड़ा और सबसे बड़ी बात कि जिस तरह से उनका सार्वजनिक अपमान हुआ है उसे वह जीवन भर नहीं भुला सकेंगे। यदि वह वास्तव में निर्दोष हैं तो इस प्रकार के अपमान के बाद कैसा महसूस कर रहे होंगे इसको सोचकर ही सिहरन दौड़ जाती है। लेकिन वायरल वीडियो में जिस प्रकार से वह युवतियों से माफी मांग रहे हैं और उनके पैर छूकर गिड़गिड़ा रहे हैं, उससे यही प्रतीत हुआ कि कहीं न कहीं जिलाध्यक्ष से कोई भूल हुई होगी। यदि वह निर्दोष थे तो उन्हें युवतियों से विरोध दर्ज कराना था इसके बाद पुलिस की सहायता ले सकते थे। अब उस समय क्या परिस्थितियां रहीं होंगी, यह वही समझ सकते हैं। इस घटना ने पार्टी को कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो कांग्रेस पर हमलावर होते हुए पुतले भी जलाए थे। सुरभि संदेश ने अपने पूर्व के लेख में भी लिखा था कि सच्चाई दोनों पक्ष ही जान सकते हैं। यदि लड़कियां गलत हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और यदि जिलाध्यक्ष गलत हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो। अब बदले हालातों को देखते हुए आगे क्या होगा यह जानना दिलचस्प होगा। 

-बात नए घटनाक्रम की-

रविवार को इस पूरे मामले को अंजाम देने वाली दोनों युवतियों के द्वारा एक रंगीन टेंट में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। निर्धारित समय पर पत्रकार वार्ता के लिए पहुंची दोनों युवतियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उक्त पूरा घटनाक्रम मात्र गलतफहमी में हुआ। जिलाध्यक्ष ने रुपये के लेन देन को लेकर उनके पिता को बुरा भला कहा था। इसके अलावा उन्हें पार्टी में दिए गए पद से भी अवमुक्त कर दिया था। जिसका गुस्सा उन्होंने जिलाध्यक्ष की पिटाई कर निकाल दिया। जिलाध्यक्ष ने उनके परिवार की काफी मदद की है और उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। वह देवपुरूष समान हैं जो हर किसी की मदद करते हैं। उनके द्वारा जिलाध्यक्ष के साथ किए गए कृत्य पर वह माफी मांगती हैं। छेड़खानी का मुकदमा लिखाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल मंे युवतियों ने बताया कि छेड़खानी का पूरा मामला ही झूठा था। उन्होंने केस मजबूत बनाने के लिए छेड़खानी लिखवा दी थी। 

-तो क्या झूठे आरोप लगाने वाली लड़कियों को दंडित किया जाएगा-

इस मामले में दोनों युवतियों ने पत्रकारों के सामने बताया कि छेड़खानी का आरोप झूठा है। उनके साथ जिलाध्यक्ष द्वारा छेड़खानी नहीं की गई थी। वह कुछ लोगों के बहकावे में आ गई थीं। अब सवाल उठता है कि जो काॅल रिकाॅर्डिंग सुबूत के तौर पर पुलिस को सौंपी गई, वह किसकी थी। यदि यह घटना किसी कहने पर कराई गई तो वह कौन है जो जिलाध्यक्ष से कदर बैर रखता है। और सबसे बड़ी बात जिलाध्यक्ष का जिस प्रकार से सार्वजनिक अपमान हुआ है क्या वह उनके मात्र माफी मांग लेने से संतुष्ट हो सकते हैं और उनका वह सम्मान वापस लौट सकता है। इस मामले में पहले षड्यंत्र हुआ था या अब हो रहा है।
इन सभी बातों की जांच होना अनिवार्य है। यदि युवतियों द्वारा कही गई बातें सच हैं तो फिर यह वाकई एक गलत शुरूआत है। क्योंकि इस प्रकार से तो कभी भी कोई युवती किसी संभ्रांत नागरिक को अपमानित कर सकती है। सार्वजनिक रूप से अपमानित व्यक्ति क्या कुछ कर जाए कहा नहीं जा सकता है। यदि जांच में लड़कियां द्वारा जिलाध्यक्ष के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस को गुमराह करने एवं संभ्रांत व्यक्ति को जानबूझकर अपमानित करने और उनका राजनैतिक करियर खत्म करने का उद्देश्य जाहिर होता है तो निश्चित ही उन दोनों युवतियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में अन्य कोई महिला अथवा युवती इस प्रकार के झूठे आरोप न लगाकर किसी निर्दोष का सार्वजनिक जीवन बर्बाद न कर सके। यदि ऐसा न हुआ तो इस प्रकार की और भी घटनाओं के लिए तैयार रहिए। यदि कोई अन्य मामला है जैसे युवतियों पर अपना बयान बदलने का दबाव बनाया गया अथवा उन्हें कोई प्रलोभन दिया गया, तो इसकी भी सच्चाई सामने आनी चाहिए और उन्हें भी दंडित किया जाना चाहिए। 

‘सुरभि संदेश’ वीडियो की इस लिंक को छूकर देखें युवतियों द्वारा पत्रकारों के साथ की गई वार्ता


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