ब्लाॅक क्षेत्र के 1 लाख 1 हजार 799 मतदाता चुनेंगे गांव की सरकार: जावेद अख्तर

जालौन। ब्लाॅक क्षेत्र में 1 लाख 1 हजार 799 मतदाता गांव की सरकार चुनेंगे। ब्लाॅक क्षेत्र की 62 ग्राम पंचायतों एवं 63 क्षेत्र पंचायत सदस्य के अलावा तीन जिला पंचायत सीटों के लिए आज मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे। चुनाव में भाग लेने के लिए मतदाता खासे उत्साहित हैं।


     ब्लाॅक में जिला पंचायत सदस्य पद की तीन सीटें हैं। जिनमें शहजादपुरा व सहाव सीट सामान्य है एवं सिकरीराजा सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। पिछली बार जहां इन तीनों सीटों में 2 सीटें भाजपा के पक्ष में गई थीं और एक सीट सपा के खाते में थी। आरक्षण बदलने से अब इन तीनों ही सीटों पर पार्टियों के प्रत्याशियों के सामने अपनी शाख बचाने की चुनौती है। 

      इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य की 63 सीटों पर 276 उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें से सिकरीराजा, सुढ़ार सालाबाद एवं ऊद अतरछला बीडीसी सीट पर तीनों उम्मीदवारों के खिलाफ किसी ने भी नामांकन नहीं भरा है। जिसके चलते उक्त तीनों बीडीसी सदस्यों की जीत की घोषणा होना बाकी है। शेष 60 सीटों पर 273 उम्मीदवारों के बीच मतदाता किसके सिर जीत का सेहरा बांधते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा। 

         वहीं सबसे रोचक चुनाव ग्राम प्रधान पद को लेकर है। गांव की सरकार बनाने के लिए उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। ब्लाॅक क्षेत्र की 62 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए पिछली बार जहां 487 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था। वहीं, अबकी बार कुल 446 प्रत्याशी ही मैदान में हैं। एक एक वोट के लिए गांवों में काफी रस्साकशी चली। हालांकि अंत समय तक मतदाताओं ने अपने पत्ते नहीं खोले। अब मतदाता किसको गांव के मुखिया के रूप में चुनेंगे। यह तो 2 मई को जब वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा। 

       उधर, ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए ब्लाॅक क्षेत्र में 742 पद हैं। लेकिन ग्राम सभा के कार्यों में सदस्यों को न पूछने के चलते इस पद के लिए कम ही लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है। उक्त पदों के सापेक्ष मात्र 205 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से भी अधिकांश को निविरोध चुना लिया गया है। ऐसे में ग्राम सभा का कोरम पूरा होने की भी संभावना कम ही है। उक्त सभी पदों पर गांव की सरकार चुनने के लिए 1 लाख 1 हजार 799 मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करना है। हालांकि चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रत्याशियों ने बाहर काम करने वाले लोगों को भी बुलवा लिया है। अब देखना होगा कि कितने फीसदी लोग आज अपने गांव की तकदीर बदलने के लिए अपने मत का प्रयोग करेंगे।

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