जालौन। महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकती हैं। इसके लिए लोगों को भी स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अपनाने होंगे। इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को भी गति मिलेगी। साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। व्यापारी भी चाइना प्रोडक्ट को न बेचकर स्थानीय प्रोडक्ट को बेचने पर ध्यान केंद्रित करें। यह बात डीएम डाॅ. मन्नान अख्तर ने इंडियन बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एसटी-एसटी हब क्षमता निर्माण के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
इंडियन बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) में नेशनल एससी-एसटी हब के अंतर्गत क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर, सीडीओ पीके श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक अनुपम गुप्ता, उपायुक्त एनआरएलएम अशोक गुप्ता एवं बीडीओ महिमा विद्यार्थी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान डीएम ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए शासन की रोजगारपरक योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्राप्त कर आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित किया। डीएम ने आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को खरीदने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे बल्कि आत्मनिर्भर अभियान को भी गति मिलेगी। व्यापारियों से भी अपील की है कि चाइना प्रोडक्टों को न बेचकर स्थानीय प्रोडक्ट के बेचने पर ध्यान दें। सीडीओ ने महिलाओं से कहा कि वह खुद में विश्वास पैदा करें और उर्जा के साथ प्रशिक्षण एवं उद्यमिता के गुर सीखकर स्वावलंबी बनें। जिला प्रबन्धक ने महिलाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत स्वरोजगार के लिए बैंक द्वारा सहायता दिलाने के लिए महिलाओं को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन से कार्य किया जाए तो सफलता कदम चूमेगी। संकाय सदस्य रवि शुक्ला ने कार्यक्रम का संचालन किया। अंत में संस्थान के निदेशक बिभाष कुमार साहा ने अतिथियों एवं प्रशिक्षणार्थियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर पंकज सिंह, स्वयं प्रकाश शुक्ला, रवि शुक्ल, किशन गुप्ता, संतोष पांचाल, यशपाल, कंधीलाल आदि मौजूद रहे।