इस वर्ष श्रीवर्धन गोशाला के तत्वावधान में दिव्यांग बेटी द्वारा गोबर से बनाए गए दीयों से जगमग होगी दीपावली -मनोज गुप्त

जालौन। श्रीवर्धन गोशाला के तत्वाधान में नगर की दिव्यांग बेटी ईको फ्रेंडली गोबर से बने आकर्षक दीयों और लक्ष्मी गणेश की मूर्ति का निर्माण कर रही है। इन दीयों और मूर्तियों को लोगों को गोपालन के लिए जागरूक करने के लिए निशुल्क वितरित किया जाएगा। 

नगर के ऐतिहासिक मुरलीमनोहर तालाब पर स्थित श्रीवर्धन गोशाला में गोपालन के माध्यम से लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ कार्य शुरू किए गए हैं। जिसके माध्यम से पशुपालकों को प्रशिक्षत कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। 

     इसी कड़ी में गोशाला में इस वर्ष दीपावली से पूर्व गोबर व प्राकृतिक तत्वों व रंगों से बने हुए ईको फ्रेंडली दीये बनाने का काम शुरू किया गया है। दीयों को आकार देने एवं रंगों के माध्यम से आकर्षक रूप से सजाने का कार्य सुनील ताम्रकार की दिव्यांग बेटी चारू ताम्रकार कर रही है। उसके द्वारा की जा रही मेहनत लोगों के लिए प्रेरणादयाक है। भले ही वह चलने फिरने में अक्षम है लेकिन अपनी कला का वह जीवंत प्रदर्शन कर रही है।

गोबर से बने दीयों को सजाती चारू ताम्रकार

 चारू ने बताया कि गोशाला से प्राप्त होने वाले गोबर से वह दीयों का निर्माण कर रही हैं। आकर्षक व चिकना बनाने के साथ ही चटकने से बचाने के लिए उसमें मुल्तानी मिट्टी को मिलाया जाता है। इसके बाद दीयों और लक्ष्मी गणेश जी मूर्ति को बनाती हैं। जिसे सुखाने के बाद उस पर कलर किया जाता है। बताया कि इस बार वह लोगों को निशुल्क दीये बांटेंगी ताकि लोग पर्यावरण सुरक्षा के प्रति आकर्षित हों। इससे प्रेरणा लेकर लोग गोपालन की सार्थकता को समझें और व्यवसायिक तौर पर इन दीयों का उत्पादन कर आर्थिक लाभ भी अर्जित कर सकें।


-गाय और उसके उत्पादों पर क्या है राय-

गो संपदा संरक्षण शोध संस्थान के अध्यक्ष अनिल शिवहरे

-गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के अध्यक्ष व गोशाला के संचालन में सहयोग करने वाले अनिल शिवहरे बतते हैं कम से कम एक गाय प्रत्येक घर में होना चाहिए। अपनी संस्था के माध्यम से वह लगातार शोध कर रहे हैं कि गोपालन को कैसे आर्थिक रूप से लाभकारी बनाया जाए। गोबर से दीये बनाने की विधि पता की और अब नगर की ही दिव्यांग बेटी आकर्षक दीये बना रही है। उनके योजना के है कि इन दीयों को वह इस बार नगर में निशुल्क बांटेंगे और लोगों को ईको फ्रेंडली दीवाली बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके अलावा पशुपालकों को दीये व मूर्ति आदि बनाने का प्रशिक्षण देकर उन्हें व्यवसायिक लाभ दिलाया जाएगा। 


गो रक्षा अभियान के जिलाध्यक्ष राजा सिंह सेंगर गधेला

-गोरक्षा अभियान के जिलाध्यक्ष व गोशाला की व्यवथाओं में सहयोग करने वाले राजा सिंह सेंगर गधेला कहते हैं कि कि इस समय अन्ना जानवरों की समस्या से किसान परेशान हैं। लोग गाय का दूध निकाल कर अथवा दूध बंद होने पर उन्हें अन्ना छोड़ देते हैं। क्योंकि उन्हें गोपालन से दूध व मट्ठे के अतिरिक्त कोई लाभ समझ नहीं आता है। ऐसे में उनका उद्देश्य है कि गायों के पालने से लोगों को आर्थिक लाभ मिलने लगे तो वह गायों को अन्ना छोड़ना बंद कर देंगे। गोशाला में गोपालन को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। ताकि पशुपालक इनका प्रशिक्षण लेकर गोपालन के महत्व को समझें और गायों को अन्ना छोड़ना बंद कर दें।



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